4. नीलाम / विरंची महापात्र


4. नीलाम
विरंची महापात्र

हमारे पास क्या दर्पण नहीं है
जो चीन से भीख मांगते है ?
चीनी चीनी भाई भाई कहने में
पंचशील के सिद्धांत,
पाँच पत्थरों की मार से टल गया
धोखा के धक्के
उठने लगी हिचकियां,
भारत के हृदय यंत्र में ।
अभी भी हम तैयार नहीं है
अपनी कुर्सी बचाने के खातिर ।
पाकिस्तान को गले लगाकर
चीन हमारे सिर पर चढ़कर
खत्म कर रहा हमारी शक्ति ।

अमेरिका और लंदन
सिर चढ़ते चढ़ते
अंग्रेज़ियत कर
खत्म करते हमारी सभ्यता ।

हम नहीं पहचानपाते
हमारे धर्म को
हमारे कर्म को
और हमारे मर्म को
हम बेशर्म गुलाम ।

विदेशियों के तलवे चाटते-चाटते
हमारा जीवन खत्म हो गया
सुभाष गांधी की बातें भूलकर
विवेक को हमने कर दिया नीलाम ।

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