13- धरती-माँ / सौरीन्द्र नन्द


13- धरती-माँ
 सौरीन्द्र नन्द
आज धरती-माँ की छाती फूल उठती है
जय जयकार ध्वनि से
जातीय पताका फर-फर उड़ती है
सभी गांव और शहरों में।
पंद्रह अगस्त की खबर
भारत माता के संतान को
तेरे पूर्वज शहीद हुए
इंतजार करते इस दिवस का  
बेईमानों की सारे मंत्र-तंत्र
पंद्रह अगस्त ने ऊष्म कि 
हमारे देश को हमारे हाथ में देकर
स्मरणीय हो रह गए ।
शत्रु चले गए उनके रास्ते में
अब पांव में घुसता है कांटा
गरीब लोग हर दिन क्यों मरते हैं
नहीं तो विदेशी जाति ।

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