12-मेरा ओड़िशा मूल :- बाउरीबंधु बेज

12-मेरा ओड़िशा
 मूल :-  बाउरीबंधु बेज
मेरे ओड़िशा की माटी मेरे लिए महान
उसमें भरे खनिज-रत्न
प्राकृतिक शोभा सरल-जीवन
सर्वत्र विराजमान संस्कृति-चिह्न ।
आज यह ओड़िशा हुआ हताश
कब उसके चेहरे पर खिलेगी मुस्कान
मातृभाषा को करेंगे सुदृढ़
जगत में रहेगा इस जाति का महत्त्व ।
आओ,आओ वीर युवा जाति
हटाओ, माटी से सकल दुर्नीति
देखेंगे, माँ की सबुज ओढ़नी
नहीं होगी, उसके छाती की करुण-कहानी ।
पालन करेंगे माँ की पुण्य जन्म-तिथि
उड़ेल देंगे हमारी सकल शक्ति
सब दुख कष्ट माँ जाएंगी भूल
वंदना करेंगे सदा उसकी यश-कीर्ति ।

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